Under category | दिन और रात की हज़ार सुन्नतें – खालिद अल-हुसैन | |||
Creation date | 2007-11-30 14:54:46 | |||
Article translated to
|
العربية English Français Deutsch Español Italiano Indonesia Русский 中文 Português Nederlands 日本の | |||
Hits | 44251 | |||
इस पेज को......भाषा में किसी दोस्त के लिए भेजें
|
العربية English Français Deutsch Español Italiano Indonesia Русский 中文 Português Nederlands 日本の | |||
Share Compaign |
न्फ्ल नमाजें घर में पढ़ना:
1 – हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो-ने कहा: निस्संदेह आदमी की नमाज़ अपने घर में सब से अच्छी है सिवाय फ़र्ज़ नमाज़ के lबुखारी और मुस्लिम दोनों इस पर सहमत हैं l
2 - हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो-ने कहा: आदमी की नफ्ल नमाज़ ऐसी जगह पर जहाँ उसे लोग न देखें लोगों की आंखों के सामने उसकी नमाज़ की तुलना में २५ (पचीस) नमाज़ों के बराबर है lइसे अबू-यअला ने उल्लेख किया है और अल्बानी ने इसे सही बताया है l
3 -हज़रत पैगंबर-उन पर इश्वर की कृपाऔर सलाम हो-ने कहा:
अपने घर में आदमी की नमाज़ की गुणवत्ता उसकी तुलना में जाहां लोग देखते हैं ऐसी ही है जैसे फर्ज़ नमाज़ कीगुणवत्तान्फ्ल पर है lइसे उसे अत-तबरीनी ने उल्लेख किया है और अल्बानी ने इसे विश्वशनीय बताया l
• इस आधार पर रात और दिन में ज़ुहा की नमाज़ (यानी दिन चढ़ने के समय की नमाज़) और वितर नमाज़ सहित असीम सुन्नतों (यानी ग़ैर- मुअक्कदा सुन्नतों) की संख्या बहुत होजाती है, और यदि एक व्यक्ति उसे अपने घर में पढ़ने का प्रयास करता है तो उसे बड़ा पुण्य प्राप्त होगा और सुन्नत पर भी अमल हो जाएगा l
इन सुन्नतों को घर में पढ़ने के फल:
सुन्नतों को घर में पढ़ने से यह बात स्पष्ट होती है कि श्रद्धालु केवल अल्लाह हीकेलिए श्रद्धा और भक्ति कर रहा है, इसके द्वारा व्यक्ति दिखावे के गुमान से भी दूर रहता हैl
क) सुन्नतों को घर में पढ़ने से घर में भी दया उतरती है , और शैतान घर से भाग जाता है l
ख) इस के द्वारा पुण्य की संख्या में भी कई कई गुना बढ़ावा मिलता है जैसे फ़र्ज़ को मस्जिद में पढ़ने से कई गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है उसी तरह न्फ्ल को घर में पढ़ने से अधिक पुण्य प्राप्त होता है l