पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट - इन्सान के ध्यान का एक बिन्दु पर केन्द्रित होना



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Knowing Allah
  
  

   



एकेश्वरवाद का मानना इन्सान को एकाग्रचित्त (Single minded) बनाता है। इस तरह इन्सान की सभी योग्यताएं बढ़ जाती हैं। जैसे सूरज की किरणें बिखरी होती हैं, मगर जब वे एक उन्नतोदर दर्पण या मुहद्दब शीशे (Sunglass) में से पास होती हैं, तो एक बिन्दु पर केन्द्रित होकर आग लगा देती हैं या इसे दूसरे उदाहरण द्वारा इस तरह समझ सकते हैं कि पानी का एक जहाज़ (Ship) हो, जिसका कोई कप्तान न हो और एक दूसरा जहाज़ हो, जिसका कोई कप्तान हो। नतीजा यह होता है कि बिना कप्तान का जहाज़ समन्दर की लहरों और हवा के थपेड़ों पर हिचकोले लेता रहता है और अपनी मंज़िल से भटक जाता है, जबकि वह जहाज़ जिसका कप्तान हो, अपनी मंज़िल तक पहुंच जाता है। एकेश्वरवाद एक पतवार वाले नाव के समान है, जो एकेश्वरवादी इन्सान को अपने गन्तव्य और अन्तिम लक्ष्य तक पहुंचा देता है।




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