Under category | पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और महिला का सम्मान | |||
Creation date | 2013-04-29 01:49:42 | |||
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उस मुक़तदी की नमाज़ का क्या हुक्म है जिसे सफ में जगह नहीं मिली और वह इमाम के दायीं ओर खड़ा हो गया ?
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
सुन्नत का तरीक़ा यह है कि इमाम मुक़्तदियों से आगे रहेगा यदि वे दो या उससे अधिक संख्या में हैं, और किसी के लिए इमाम के बग़ल में खड़ा होना उचित नहीं है सिवाय इसके कि कोई सख्त ज़रूरत हो, जैसे कि अगर मस्जिद भर जाए और वह इमाम के बगल के अलावा कोई जगह न पाए तो कोई आपत्ति की बात नहीं है। और यदि वे दो लोग हैं और उन्हें इमाम के बगल में खड़े होने की ज़रूरत पड़ जाए तो उनमें से एक इमाम के दायीं ओर और दूसरा बार्यी ओर खड़ा होगा, वे दोनों एक साथ इमाम के दायीं ओर नहीं खड़े होंगे, जैसाकि यह शुरू में धर्मसंगत था कि जब वे तीन हों तो इमाम को दोनों के बीच में होना चाहिए, फिर इसे स्थगित कर दिया गया यहाँ तक कि यह धर्मसंगत हो गया की दो लोग उसके पीछे खड़े हों।
जहाँ तक इस बात का संबंध जो आजकल आम लोग समझते हैं कि दो आदमियों को अगर इमाम के साथ खड़े होने की ज़रूरत पड़ जाए तो वे दोनों केवल उसके दायीं ओर खड़े होंगे, तो इस बात का कोई आधार नहीं है, हाँ यदि एक ही व्यक्ति है तो उसके दायीं ओर ही खड़ा होगा।