Under category | पैगंबर मुहम्मद की नमाज़ का विवरण | |||
Creation date | 2010-12-12 05:44:33 | |||
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चौथाः तकबीर
29- फिर "अल्लाहु अकबर" कह कर नमाज़ का आरंभ करे, और यह नमाज़ का रुक्न है, क्योंकि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान हैः "नमाज़ की कुंजी पवित्रता (वुज़ू) है, और उस की तहरीम (यानी नमाज़ से असंबंधित बातों को हराम करने वाली चीज़) तकबीर है और उस की तहलील (हलाल करने वाली चीज़) सलाम फेरना है।" अर्थातः अल्लाह के हराम किये हुये कामों को हराम ठहराना और इसी प्रकार जिन चीजों को अल्लाह ने नमाज़ के बाहर हलाल किया है उन को हलाल ठहराना, और तहलील और तहरीम से मुरादः हराम करने वाली चीजे और हलाल करने वाली चीजे है।
30- इमाम के सिवाय अन्य नमाजि़यों के लिए सभी नमाज़ों में तकबीर के साथ अपनी आवाज़ को बुलंद करना जाइज नहीं है।
31- ज़रूरत पड़ने पर मुअज्जि़न का इमाम की तकबीर को लोगों तक पहुँचाना जाइज़ है, जैसे कि इमाम का बीमार होना और उस की आवाज का कमज़ोर होना या इमाम के पीछे नमाजियों की संख्या का बाहुल्य होना।
32- मुक्तदी, इमाम की तकबीर के समाप्त होने के बाद ही तकबीर (अल्लाहु अकबर) कहेगा।