पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट - तीसराः नीयत



عربي English עברית Deutsch Italiano 中文 Español Français Русский Indonesia Português Nederlands हिन्दी 日本の
Knowing Allah
  
  

   

तीसराः नीयत

28- नमाज़ी के लिए ज़रूरी है कि जिस नमाज़ के लिये खड़ा हुआ है उस की नीयत करे और अपने दिल में उस को निर्धारित करे जैसे उदाहरण के तौर पर ज़ुहर या अस्र की फर्ज़, या उन दोनों की सुन्नत, और यह नमाज़ की शर्त या रुक्न है, किन्तु जहाँ तक नीयत को अपनी ज़ुबान से कहने का संबंध है तो यह बिद्अत और सुन्नत के खिलाफ़ है, और मुक़ल्लिदीन जिन इमामों की पैरवी करते है उन में से किसी एक ने भी यह बात नहीं कही है।

 

 




                      Previous article                       Next article




Bookmark and Share


أضف تعليق