अल्लाह के पैगंबर हज़रत मुहम्मदके विषय में संक्षिप्त वर्णन:
हो सकताहैकेआपएकप्रोटेस्टेंट या कैथोलिकइसाईहोंया यहूदीहों, या नास्तिक हों, या फिर आप तत्वमीमांसा को न मानने वालों में से हों,याफिर आपका संबंध आजकेसंसारकेधर्मिक मतोंमें सेकिसी से भी हो, याआपएकसाम्यवादीहों, यायह मानतेहोंकि मानव लोकतंत्र इस धरती पर आधार बल्कि सब कुछ है. आपजोकोईभीहोंयाआपकेजोभीवैचारिक, राजनितिकऔरसामाजिकविचारहोयाजोभीसमाजीसिद्धांतोंपर आप चलते हों, निस्संदेह आप इस मनुष्य मतलब हज़रत मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो- केबारेमेंकुछ न कुछ जानते ही होंगे.
निस्संदेह वह जिस जिस के भी पैर इसधरती पर पड़े हैं उन्सभों में सब से अधिक महान हैं. उन्हों ने इस्लाम धर्म की ओर लोगों को आमंत्रितकिया और एक राष्ट्र का निर्माण किया और नैतिकता की नींव डाली इसके अलावा बहुत सारी राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों को सही धारे पर स्थिति किया और इस माध्यम से एक स्वस्थ, सशक्त और प्रभावी समाज की स्थापना की जिस के पास पिछले दशक तक के लोगों के जीवन को बदलने की शिक्षाएं उपलब्ध हैं. वह 570 ई. में अरब प्रायद्वीप में पैदा हुवेऔर जब वह चालीस वर्ष की उम्र को पहुँचे तब उन्होंने परमेश्वर के सच्चे धर्म इस्लाम की ओर लोगों को आमन्त्रण करना प्रारंभ किया और अपने उपदेश और धर्म का प्रचारशुरू किया,और जब वह अपनी उम्र के तिरसठवें साल को पहुंचे तो इस संसार से चल बसे.
आप अपनी आकाशवाणी के केवल तेईस साल के भीतर ही उन्होंने पुरे अरब प्रायद्वीप को मूर्ति पूजा और बुतपरस्ती से हटाकर एक भगवान की पूजा में लगा दिया, आदिवासी झगड़ों और आपसी युद्धों के दलदल से निकल करएक समायोजित औरसंगठित समुदाय में बदल कर रख दिया, इसी तरह मतवालापन, मस्ती और ऐयाशी के कीचड़ से निकाल कर पवित्रता औरधर्मपरायणता के रस्ते पर खड़ा कर दिया, अराजकता और अव्यवस्था की जीवन से मुक्त करके आज्ञाकारी और मार्गदर्शन की चोटी पर पहूँचा दिया, नैतिक पतन की अथाह गहराई से निकाल करशिष्टाचार के शीर्ष
पर ला खड़ा किया, इतिहास की आंखों ने इस प्रकार का विस्तृतपरिवर्तन कभी नहीं देखा, न उनसे पहले कभी हुवा और न उनके बाद अब तक हुवा और न होगा,आप कल्पना कर सकते हैं कि यह सब बदलावा कितने समय में हुवे थे? केवल दो दशकों से कुछ ही अधिक समय के भीतर.
इससंसार में बहुत सारेबड़े बड़े व्यक्ति गुज़रे हैं, परन्तु वे जीवन के केवलएकयादो क्षेत्रमेंही विशेषज्ञ थेजैसेधार्मिक मान्यताओं या सैन्य नेतृत्व . इस पर भी समय के बीतने के साथ साथ उनकी शिक्षाएं और उपदेश भी मिटती गईं और अंतिम में कुछ नहीं बचा. और मानवीय समुदायमेंपरिवर्तनके कारण उनकीशिक्षणकी सफलताऔरअसफलताकोनाप्ना भी मुश्किल है. बल्कि उनके शिक्षणोंकोफिरसे निर्माण करना अब तो बिल्कुल असंभव है.
लेकिनहज़रत मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो-के बारेमेंऐसा नहींहै, क्योंकि उन्होंने मानवविचारोंऔरआचरणोंके एक दो नहीं बल्कि सारे और विभिन्नक्षेत्रोंमेंपूरी तरह सफलताप्राप्त किया, और मानव इतिहासमें सुर्य की तरह चमके बल्कि पुरे मानव इतिहास में उनका उदाहरण नहीं है. केवल यही नहीं बल्कि उनके निजी और सार्वजनिक जीवन की प्रत्येक घटना एक एक करके विश्वसनीय रूप से आख्यान की गई, और ईमानदारी के साथ सदाके लिए उन बातों को सुरक्षित कर दिया गया, और इन बातों के बयान के सभी माध्यमों को अच्छी तरह जांचा गया, यह काम उस समय के केवल आज्ञाकारीऔर माननेवाले द्वारा हीनहींबलके हठधर्मी और आलोचक लोगों के द्वारा भी किया गया.
हज़रत मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो-एकधार्मिकगुरुएकसमाजसुधारक, एकनैतिकरहनुमा, एकबड़ेप्रशासनिक, एकवफादारमित्रएकअच्छेसाथी, एकइमानदारपति, एकप्रेमकरनेवालेपिताथे. यहसबगुणउनमें एक साथ उपस्थित थे. इतिहास मेंकोईभी व्यक्ति इन सभी गुणोंमें उनसे आगे नहीं होसका, आगे बढ़ना तो दूर की बात है बल्कि जीवन के किसी एक क्षेत्र में भी उनकी बराबरी तक नहींकरसका. वह अपना उदाहरण खुद थे दूसरा कोई आपके जैसा न होसका, निस्संदेह वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सिद्ध थे.
यह सब के होते पर मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो-एक मनुष्यथे परन्तु वहएक पवित्र योजना की आकाशवाणी रखते थे, पूरी मानवता कोकेवल एकअद्वितीय ईश्वर की पूजा पर इकठ्ठा करना चाहते थे,औरउसे जीवन गुजारने के सही रास्ते पर खड़ा कर दिया जाए परमेश्वर की आज्ञाकारिता का सही ढंग सिखा दिया जाए. अपनी बातें और कामों से सदा यही बात लोगों के दिलों में बैठाने का प्रयास करते थे कि वह खुद केवलपरमेश्वरके एक भक्त और उसके पैगंबर हैं.
आज चौदहसौसालबीत जाने के बादभी, हज़रत मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो-के उपदेश हमारे बीच बिलकुल साफ सुथरी बिनाकिसी प्रकार के घटाव या बढ़ाव या विकृति के जिंदा हैं, जी हाँआजभी जिंदा हैं और मानवताकी सारी बीमारीयों और रोगों के उपचार की शक्ति रखते हैं जैसा किउनकीजीवनमेंनिरोग करते थे.याद रहे कि यहहज़रत मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो-केमाननेवालोंकाही दावानहीं है बल्कियही अपरिहार्य नतीजा है जो आलोचनात्मक और इंसाफपसंदइतिहासके द्वारा लिखित रूप में सुरक्षित है.
एक विचारक और दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्ति होने के नाते आपको अधिक से अधिक जो करना है वह इतनी सी बात है कि आप अपने मन से पूछें क्या यह क्या यहअसाधारण और क्रांतिकारी बातें वास्तव में सच हैं या नहीं? मान लीजिए कि आप नेउस महान मनुष्य हज़रतमुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो- मुहम्मद इस से पहले नहीं सुना है तो क्या अब भी समय नहीं आया कि आपइन महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने के लिये तय्यार हों,और उन के विषय में कुछ जानकारी लेने का प्रयास करें.
इस से आपकी कुछ क्षतितो होगी नहींलेकिन होसकता है कि यह आपकी जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत हो.
हमआपकोआमंत्रितकरतेहैंकीआपइसमहान मनुष्यकेबारेमेंखोजें, मेरा मतलब हज़रत मुहम्मद-उनपर शांति और आशीर्वाद हो-के बारे में जिन से अच्छा इस धरती पर आज तक कोई हुवा न कभी होगा.