Under category | क्यू एंड ए | |||
Creation date | 2013-09-11 20:42:45 | |||
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हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान अल्लाह के लिए योग्य है।
जनाबत (अर्थात् पत्नी से संभोग करने या स्वपनदोष या वीर्यपात के कारण अपवित्रता) से स्नान करने का दो तरीक़ा है : एक किफायत करने वाला तरीक़ा (अर्थात् जो आदमी के पवित्र होने के लिये पर्याप्त होता है।) और दूसरा संपूर्ण तरीक़ा :
स्नान का किफायत करने वाला (पर्याप्त) तरीक़ा यह है कि आदमी कुल्ली करे, नाक में पानी डाले और अपने पूरे शरीर पर पानी पहुँचाये भले ही वह एक बार ही में क्यों न हो और चाहे वह गहरे पानी में डुबकी ही लगा ले।
तथा ग़ुस्ल (स्नान) का संपूर्ण तरीक़ा यह है कि वह सब से पहले अपनी शरमगाह और जनाबत के अवशेष से लिप्त भाग को धुले, फिर संपूर्ण वुज़ू करे, फिर अपने सिर पर तीन लप पानी डाले यहाँ तक कि बालों की जड़ों तक उसे तर (गीला) कर दे, फिर अपने शरीर के दाहिने पहलू को और उस के बाद अपने बायें पहलू को धुले।
एलामुल मुसाफिरीन बि-बाज़ि आदाबि व अह्कामिस्सफर वमा यखुस्सो अल-मल्लाहीन अल-जव्वीईन