Under category | लेख | |||
Creation date | 2013-07-02 18:44:29 | |||
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मैं सैन्य क्षेत्र में काम करता हूँ और रमज़ान का महीना आ गया तो क्या मेरे लिए रोज़ा तोड़ देना जाइज़ है, यह ध्यान में रखते हुए कि हालात रोज़ा रखने पर मेरा साथ नहीं दे रहे हैं ॽ
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
आपके लिए रमज़ान में रोज़ा तोड़ना जाइज़ नहीं है जबकि आप रोज़ा रखने के मुकल्लफ (अधिकृत) हैं सिवाय इसके कि आप यदि यात्रा पर हैं या आप किसी ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं जिसके होते हुए आप रोज़ा रखने पर सक्षम नहीं हैं। इसका प्रमाण अल्लाह तआला का यह फरमान है:
﴿وَمَنْ كَانَ مَرِيضاً أَوْ عَلَى سَفَرٍ فَعِدَّةٌ مِنْ أَيَّامٍ أُخَر﴾ [البقرة : 185]
“और जो बीमार हो या यात्रा पर हो तो वह दूसरे दिनों में उसकी गिन्ती पूरी करे।” (सूरतुल बकराः 185)
तथा अल्लाह तआला का यह फरमान है:
﴿ وما جعل عليكم في الدين من حرج ﴾ [ الحج : 78]
“ उसने तुम्हारे ऊपर दीन के बारे में कोई तंगी नहीं डाली है।” (सूरतुल हज्ज : 78)
तथा अल्लाह तआला का फरमान हैः
﴿لا يُكَلِّفُ اللَّهُ نَفْساً إِلاَّ وُسْعَهَا ﴾ [البقرة : 286]
“अल्लाह तआला किसी प्राणी पर उसकी शक्ति से अधिक भार नहीं डालता।” (सूरतुल बक़राः 286)
तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान है : “ जब मैं तुम्हें किसी चीज़ का आदेश दूँ तो तुम अपनी यथाशक्ति उसे करो।”
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला है, तथा अल्लाह तआला हमारे नबी मुहम्मद, उनकी संतान और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।