Under category | अपने बच्चे को पैगंबर की कहानी सुनायें | |||
Creation date | 2013-05-19 19:54:37 | |||
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साल गुज़रते गए, सलमा बिन्त अम्र ने अब्दुल मुत्तलिब बिन हाशिम यानी नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दादा को जन्म दिया था, अब्दुल मुत्तलिब बड़े हो गए, और अल्लाह तआला का करना ऐसा हुआ कि वह अपने पिता के नगर मक्का में रहने लगे। अब्दुल मुत्तलिब हज्ज के लिए मक्का आने वाले हाजियों को पानी पिलाया करते थे और अल्लाह के घर की सेवा करते थे। चुनाँचे लोग उनके आस पास एकत्रित हो गए और उन्हें अपना नायक बना लिया। अब्दुल मुत्तलिब अल्लाह के सम्मानित घर से बहुत प्यार करते थे। उन्हों ने ज़मज़म के कुँआ के खोदे जाने के बारे में सुन रखा था। अत: उनके अंदर उसके स्थान को जानने की अभिलाषा पैदा हुई ताकि फिर से उसकी खुदार्इ करें। चुनाँचे एक रात, अब्दुल मुत्तलिब ने सपने में देखा कि कोर्इ उन्हें पुकार कर कह रहा है : ज़मज़म का कुँआ खोदो। यह मामला कर्इ बार घटित हुआ, और उन्हों ने सपने में उसका स्थान भी देखा। जब उन्हों ने अपनी क़ौम को इसकी सूचना दी तो उन्हों ने आपका मज़ाक उड़ाया और आपकी बात की पुष्टि नहीं की। अब्दुल मुत्तलिब के केवल एक ही बेटा था जिसका नाम हारिस था। उन्हों ने उससे कुँआ खोदने में उनकी सहायता करने के लिए कहा, चुनाँचे अब्दुल मुत्तलिब और उनके बेटे हारिस ने मिलकर ज़मज़म का कुँआ खोदा।