पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट - क्या पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इंजील में उल्लेख हुआ है



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Knowing Allah
  
  

   

मैं अति मेहरबान और दयालु अल्लाह के नाम से आरम्भ करता हूँ।

إن الحمد لله نحمده ونستعينه ونستغفره، ونعوذ بالله من شرور أنفسنا، وسيئات أعمالنا، من يهده الله فلا مضل له، ومن يضلل فلا هادي له، وبعدरू

 

हर प्रकार की हम्द व सना (प्रशंसा और गुणगान) अल्लाह के लिए योग्य है, हम उसी की प्रशंसा करते हैं, उसी से मदद मांगते और उसी से क्षमा याचना करते हैं, तथा हम अपने नफस की बुरार्इ और अपने बुरे कामों से अल्लाह की पनाह में आते हैं, जिसे अल्लाह तआला हिदायत दे दे उसे कोर्इ पथभ्रष्ट (गुमराह) करने वाला नहीं, और जिसे गुमराह कर दे उसे कोर्इ हिदायत देने वाला नहीं। हम्द व सना के बाद :

क्या पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इंजील में उल्लेख हुआ है?

प्रश्नः

आप से अनुरोध है कि मुझे सूचित करें कि इंजील में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का उल्लेख कहाँ पर हुआ है? और क्या आप के नाम का वर्णन हुआ है या उस का कोई संकेत है? और वो कौन सी किताबें है जिन्हें मैं इस मस्अला को सिद्ध करने के लिए इस्तेमाल कर सकता हूँए और क्या ईसाई लेखकों और अनुवादको ने इस को परिवर्तित कर दिया है ?

उत्तरः

हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति अल्लाह के लिए योग्य है।

अल्ला तआला अपनी किताब में फरमाता है :

وَإِذْ قَالَ عِيسَى ابْنُ مَرْيَمَ يَا بَنِي إِسْرَائِيلَ إِنِّي رَسُولُ اللَّهِ إِلَيْكُمْ مُصَدِّقًا لِمَا بَيْنَ يَدَيَّ مِنَ التَّوْرَاةِ وَمُبَشِّرًا بِرَسُولٍ يَأْتِي مِنْ بَعْدِي اسْمُهُ أَحْمَدُ فَلَمَّا جَاءَهُمْ بِالْبَيِّنَاتِ قَالُوا هَذَا سِحْرٌ مُبِينٌ (الصف: 6).

और (याद करो उस समय को) जब मरियम के पुत्र ईसा अलैहिस्सलाम ने कहा, हे (मेरे समुदाय) इस्राईल की औलाद! मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का पैग़म्बर हूँ, अपने से पूर्व ग्रन्थ तौरात की पुष्टि करने वाला हूँ और एक पैग़म्बर की शुभ सूचना देने वाला हूँ जो मेरे पश्चात आयेगा जिसका नाम अहमद है। फिर जब वह उनके पास स्पष्ट प्रमाण लाए तो यह कहने लगे कि यह तो खुला जादू है।" (सूरतुस्सफ: 6)

तथा अल्लाह तआला ने एक दूसरे स्थान पर फरमाया :

  الَّذِينَ يَتَّبِعُونَ الرَّسُولَ النَّبِيَّ الأُمِّيَّ الَّذِي يَجِدُونَهُ مَكْتُوبًا عِنْدَهُمْ فِي التَّوْرَاةِ وَالإِنجِيلِ يَأْمُرُهُمْ بِالْمَعْرُوفِ وَيَنْهَاهُمْ عَنْ الْمُنكَرِ وَيُحِلُّ لَهُمْ الطَّيِّبَاتِ وَيُحَرِّمُ عَلَيْهِمْ الْخَبَائِثَ وَيَضَعُ عَنْهُمْ إِصْرَهُمْ وَالأَغْلاَلَ الَّتِي كَانَتْ عَلَيْهِمْ فَالَّذِينَ آمَنُوا بِهِ وَعَزَّرُوهُ وَنَصَرُوهُ وَاتَّبَعُوا النُّورَ الَّذِي أُنزِلَ مَعَهُ أُوْلَئِكَ هُمْ الْمُفْلِحُونَ (الأعراف: 157).

"जो लोग ऐसे उम्मी )जो पढ़ना.लिखना नहीं जानते थे( नबी )पैग़म्बर( की पैरवी )अनुसरण( करते हैं जिनको वह लोग अपने पास तौरात व इन्जील में लिखा हुआ पाते हैं। वह उनको अच्छी )नेक( बातों का आदेश देते हैं और बुरी बातों से मनाही करते हैं और पवित्र चीज़ों को हलाल )वैद्व( बताते हैं और अपवित्र चीज़ों को उन पर हराम )अवैद्व, वर्जित( बताते हैंए और उन लोगों पर जो बोझ और तौक़ थे उनको दूर करते हैं। सो जो लोग उस पैग़म्बर पर ईमान लाते हैं और उनका सहयोग करते हैं और उनकी सहायता करते हैं और उस नूर (प्रकाश अर्थात् क़ुर्आन करीम) की पैरवी करते हैं जो उनके साथ भेजा गया है, ऐसे लोग सफलता पाने वाले हैं। " )सूरतुल.आराफ: 157(

ये दोनों आयतें इस बात पर तर्क हैं कि पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का तौरात और इंजील में उल्लेख मौजूद है, यहूदी और ईसाई इसके उल्लेख न होने का कितना भी दावा करें, परन्तु अल्लाह का वक्तव्य सब से अच्छा और उसकी बात सब से सच्ची है।

पिछली पुस्तकों (धर्मग्रंथों) में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बारे में वर्णित बातें निम्नलिखित हैं :

प्रथम : तौरात के अध्याय व्यवस्था विवरण 18 -18.19 में आया है कि ष्हे मूसा! मैं बनी इस्राईल के लिए उनके भाईयों ही में से तेरे समान एक नबी बनाऊँगा और अपने वचन (आदेश) को उसके मुँह में रख दूँगा। और वह उन से वही बात कहेगा जिस का मैं उसे आदेश दूँगा। जो आदमी उस नबी की बात नहीं माने गा जो मेरे नाम पर बोले गा तो मैं उस से और उसके क़बीले से इंतिक़ाम लूँगा।“ ये शब्द आज तक उन की किताबों में मौजूद हैं, और उनके कथन “उनके भाईयों में से” यदि इस से अभिप्राय यह होता कि उन्हीं में से अर्थात् बनी इस्राईल में से होता तो वह इस प्रकार कहते किरू मैं उन्हीं में से उन के लिए एक नबी खड़ा करूँगा, जबकि उनके भाईयों में से कहा हैं जिसका मतलब है कि इसमाईल के बेटों में से।




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