पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट - गरीब को देकर सूद की राशि से छुटकारा प्राप्त करना



عربي English עברית Deutsch Italiano 中文 Español Français Русский Indonesia Português Nederlands हिन्दी 日本の
Knowing Allah
  
  

   

क्या यह जायज़ है कि हम बैंकों के सूद की राशि ज़रूरतमंद व्यक्ति को दे दें ?

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

यदि कोई ऐसा व्यक्ति था जो सूद का लेन देन करता था, फिर उसने तौबा कर लिया, और वह सूद के द्वारा प्राप्त धन से छुटकारा हासिल करना चाहता है, तो उस धन से छुटकारा पाने के लिए उसे गरीब व्यक्ति को देना जायज़ है, इसी तरह अगर बैंक उसके खाते में सूद की राशि डाल दे (तो उस स्थिति में भी यही हुक्म होगा)। लेकिन इसे सदक़ा (दान, खैरात) नहीं समझा जायेगा, क्योंकि अल्लाह तआला पवित्र है और पवित्र चीज़ को ही क़बूल करता है। जहाँ तक सूद पर आधारित लेन देन को निरंतर जारी रखने की बात है तो यह जायज़ नहीं है और वह घोर पापों में से एक महा पाप है, और उसका लेनेवाला अल्लाह और उसके पैगंबर का विरोधी है, यहाँ तक कि यदि वह गरीबों को देने के लिए सूदी कारोबार करता है।




                      Previous article                       Next article




Bookmark and Share


أضف تعليق