पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट - अपने आप को विकसित कीजिए



عربي English עברית Deutsch Italiano 中文 Español Français Русский Indonesia Português Nederlands हिन्दी 日本の
Knowing Allah
  
  

Under category अपने जीवन का आनंद उठाइए
Auther डॉक्टर मुहम्मद अब्दुर्रहमान अल अरीफी
Creation date 2013-01-31 15:49:59
Hits 1156
इस पेज को किसी दोस्त के लिए भेजें Print Download article Word format Share Compaign Bookmark and Share

   

कुछ लोगों के साथ यदि  आप उनकी बीस साल की उम्र में बैठें तो आप को उनका व्यवहार और सोच बिचार का ढंग कुछ अलग देखाई नहीं दे गा l
और यदि  तीस साल की उम्र में उनके साथ बैठें तो भी जैसे के वैसे ही दिखाई देगा उस के भीतर कोई तबदीली नहीं हुई होगी l
जबकि इस प्रकार के अन्य लोगों के साथ आप बैठेंगे तो आप को साफ नज़र आजाएगा कि वे अपनी जीवन मैं विकसित कर रहे हैं और प्रत्येक दिन उन मैं एक नई उन्नति है जो पहले नहीं थी बल्कि प्रत्येक घड़ी उन के अंदर कोई न कोई धार्मिक या सांसारिक उन्नति ज़रूर हुई हो गी l
यदि आप इस प्रकार के लोगों को जानना चाहते हैं तो आइए हम उन के स्थिति और शिरोधार्य का अनुमान लगाएं l
उदाहरण के लिए सैटेलाइट चैनलों को ही ले लीजिए l  
 कुछ लोग इसे देख कर अपनि बुद्धि और विचार का पालन क्या करते हैं और अपने ज्ञान को आगे बढ़ातै हैं और अपनी बुद्धि को विकसित करते हैं  और इस के द्वारा लाभदायक बातचीत सुन कर  दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाते हैं इसी प्रकार बातचीत, भाषा, समझ-बुझ, बहस-मोबाह्सा और अपनी बात मनवाने के महत्वपूर्ण गुणों को सीखते हैं l 
परन्तु कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो शायद ही कोई सीरियल बिन देखे जाने देते हैं जिस मैं असफल प्रेम की कहानी होती है या प्यार व मोहब्बत की कहावत होती है या मनगढ़ंत डरावने फिल्मी नोवेल या घटीया झूठी  कहानियां शामिल होती हैं जिन मैं कोई भी सच्चाइ नहीं होती है l
मैं आप को ईश्वर का वचन देता हूँ आइए देखते हैं ५ या ६ वर्स के बाद दोनों प्रकार के आदमी की स्तिथियों में किया अंतर है l
कौन अपने कौशल, समझ बुझ, संस्कृति, समझाने बुझाने का गुण और घटनाओं के साथ निपटने के नियम और ढंग में अधिक उन्नत होगा?
इस में कोई शक नहीं है कि पहला वाला आदमी अधिक लाभ उठाने वाला हो गा l
पहले का ढंग संपूर्ण रूप में विविध होगा, वह धार्मिक टेक्स्ट एवं संख्याओं वास्तविकता से बहस करेगा तथा दूसरा आदमी एक्टर्स और गलुकारों के ख़याल और विचार पर बातचीत करेगा l एक बार एक आदमी ने अपने बोल-चाल के बीच कह दिया: " अल्लाह कहता है " हे मेरा सेवक तुम परिश्रम करो में भी तेरे साथ परिश्रम करूँगा"     
में ने उसे टोक कर कहा कि यह क़ुरआन की आयत नहीं है, तो उस के  चिहरे का रंग बदल गया और चुप चाप हो गया l
फिर मैंने इस टेक्स्ट के बारे में सोंचा तो पता चला की वह एक मिश्री  कहावत है एक सीरियल के देखने से उसके दिमाग़ में बैठ गया था!
कहावत में सच है:"प्रत्येक बर्तन से वही टपकती है जो अस में होती है" एक और उदाहरण ले लीजिए: 
समाचारपत्रों और पत्रिकाओं के पढ़ने के बारे में देखिएl ऐसे कितने आदमी  निकलेंगे जो उपयोगी और बहुमूल्य जानकारी के समाचार पढ़ते हैं जिनके द्वारा अपने आप को विकसित करने और कौशल को बढ़ाने और अपनी जानकारी और ज्ञान को अधिक विकसित करने में मदद लेते हैं l
और कुछ लोग तो शायद ही खेल कूद के पन्ने से हट कर और कुछ देखते ही नहीं होंगे?
इसी कारण समाचार पत्रों मैं खेल और फ़िल्मी पन्नों की संख्या को  बढाने और उसकी जगह दूसरे पन्नों के घटाने के लिए प्रतियोगिता चल रही है l  
इसी तरह आप हमारी उन बैठकों के बारे में भी सोच सकते हैं और उन समय के बारे में भी कह सकते हैं जो हम लोग ऐसे बिता देते हैं l
इसलिए, यदि आप एक पूंछ की बजाय सिर बन कर जीना चाहते हैं, तो कौशल को जहाँ कहीं भी हो उसे खोजने और उसको पाने के लिए परिश्रम कीजिए , और अपने आप को उसके अभ्यास मैं  लगाइए l
अब्दुल्ला एक धर्म का पालन करने वाला और उत्साही व्यक्ति था, लेकिन कुछ कौशल की उस मैं कमी थी l एक दिन, वह अपने घर से दोपहर की नमाज़ के लिए मस्जिद  को जा रहा था l वह धर्म के पालन के लिए और नमाज़ से प्रेम के कारण तेज़ी से चल रहा था, उसे डर था कि कहीं उसके मसजिद को पहुँचने से पहले ही नमाज़ शुरू न हो जाए, अपने रास्ते में एक आदमी को एक खजूर के पेड़ पर चढ़ा देखा l वह पेड़ पर काम कर रहा था और अपने कामकाज का पहनावा पहना हुआ था, अब्दुल्लाह को अचंभा लगा यह आदमी कौन है कि नमाज़ के बारे मैं उसे कोई परवाह नहीं है! उसका रूप ऐसा है कि जैसे उस ने अज़ान और इक़ामत नहीं सुनी है, ग़ुस्से से चिल्लाया: "नमाज़  पढ़ने के लिए नीचे आओ l आदमी ने सुस्ती से कहा ठीक है l ठीक है l


अब्दुल्लाह ने कहा: जल्दी करो! गधा! आओ नमाज़ पढ़ो l उस आदमी ने चिल्ला कर कहा: मैं गधा हूँ! इसके बाद उसने खजूर की एक डाली तोड़ी और उसके सर पर मारने के लिए निचे उतरा, इतने में अब्दुल्लाह अपने कपड़े से मुंह छिपाया और मस्जिद की ओर भाग खङा हुआ ताकि वह उसको न पहचान सके, वह आदमी ग़ुस्से में पेड़ से उतरा, और अपना घर गया नमाज़ पढ़ी और थोड़ी देर के लिए आराम किया l इस के बाद अपने काम को खत्म करने के लिए फिर अपने वृक्ष के पास वापस लौट आया इतने में असर की नमाज़ का समय आ गया और अब्दुल्ला  मस्जिद का रास्ता लिया l फिर उस खजूर के पेड़ के पास से इसका गुज़रा हुआ तो  देखा कि फिर वह आदमी उस पेड़ पर काम कर रहा है l तो उसने "अस्सलामु-अलैकुम" कहकर पूछा, कहिए आप कैसे हैं? उस आदमी ने कहा:अल्लाह की कृपा से मैं ठीक हूँ l उसने कहा कुछ शुभ समाचार सुनाइए l बताइए इस वर्स फ़सल कैसी है? उसने कहा अल्लाह की कृपा से बहुत अच्छी है l अब्दुल्लाह ने उसको आशीर्वाद दिया और कहा : अल्लाह आप को  सफलता दे और आप की रूजी रोटी में बरकत हो और आप का व्यपार अच्छा से अच्छा चले,  कारोबार और बालबच्चों के लए दौडधूप के फल से आपको कभी वंचित न रखे l वह आदमी इस आशीर्वाद से बेहद प्रसन्न हुआ और धन्यवाद कहा और उस आशीर्वाद के स्वीकार होने के लिए प्रार्थना किया l इस के बाद अब्दुल्ला ने कहा:ऐसा लगता है कि आप काम के साथ इतने व्यस्त  हैं कि शायद आप असर की अज़ान पर ध्यान नहीं दे सके  l असर की अज़ान हो चुकी है और अब नमाज़ होने ही वाली है, कृपया आप नीचे उतरें, और ज़रा आराम लें और नमाज़ मैं भी साथ हो जाएँ, नमाज़ के बाद फिर आप अपने काम मैं लग जा सकते है l


अल्लाह आप को  स्वस्थ  रख्खे l उस आदमी ने कहा हाँ हाँ अल्लाह की कृपा से l और धीरे धीरे नीचे उतरने लगा और अब्दुल्लाह पास आकर उस से हाथ मिलाया और कहा आप के इस ऊँचे शिष्टचार के लिए धन्यवाद कहना चाह्ता हूँ! परंतु यदि मैं उस आदमी को पकड़ लूँ जो ज़ुहर की नमाज़ के समय मेरे पास से गुज़रा था तो मैं उसे बता दूँ के गधा कौन है l

परिणाम:

अन्य लोगों के साथ आप के व्यवहार लेनदेन का कौशल के अनुसार ही लोगों का आप के साथ संबंध और व्यव्हार तय होते हैं l 




                      Previous article                       Next article




Bookmark and Share


أضف تعليق