Under category | अल्लाह के पैग़म्बर मुहम्मद | |||
Creation date | 2011-01-09 14:32:44 | |||
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हज़रत पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम कीबीवियाँ
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अपनी पत्नी खदीजा रजि़यल्लाहु अन्हाके स्वर्गवास के बाद दस औरतों से शादी की जो सब की सब आइशा रजि़यल्लाहु अन्हा -जोकि कुंआरी थीं- को छोड़ कर सैयिबा (यानी पहले से जिनकी शादी हुई थी) और बड़ी उमर वालीथीं। उन में से छः क़ुरैश खानदान से और एक यहूदन थीं और अवशेष औरतें अन्य अरबक़बीलों से थीं।
तथा आप ने एक लौंडी रखी थी जिन का नाम मारिया कि़ब्तियारजि़यल्लाहु अन्हा है, और यही आप के बेटे इब्राहीम की माँ हैं, -जिन्हं इसकन्दरियाके बादाशह मुक़ौकि़स ने पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को तोहफा में दियाथा-, पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः
"तुम मिस्र परविजय प्राप्तकरोगे, उस धरती पर क़ीरात चलता है, जब तुम उसे फत्ह करो तो वहाँ के वासियों के साथअच्छा व्यवहार करना क्योंकि उनका अहद व पैमान और रिश्तेदारी है, या आप ने कहाः अहदव पैमान और सुसराली है।" (सहीहमुस्लिम)
एक दूसरी हदीस में पैग़म्बर सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लम ने फरमायाः "जब तुम कि़ब्त के मालिक हो जाओ तो उनके साथ अच्छा बरताव करना क्योंकि उनका अहद व पैमान और रिश्तेदारी है।" (मुसन्नफ अब्दुरर्ज़्ज़ाक़)
इमाम ज़ोहरी कहते हैं: रिश्तेदारी इस्माईल की माँ हाजर के कारण है और अहद व पैमानपैग़म्बर के बेटे इब्राहीम के कारण है।
पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम केइतनी औरतों से शादी करने के कुछ कारण हैं:
"जबज़ैद ने उस महिला से अपनी ज़रूरत पूरी कर ली, हम ने उसे तेरे निकाह में दे दियाताकि मुसलमानों पर अपने ले पालकों की बीवियों के बारे में किसी तरह की तंगी न रहेजबकि वह अपनी ज़रूरत उनसे पूरी कर लें, अल्लाह का यह हुक्म तो होकर ही रहने वालाथा।" (सूरतुल-अहज़ाबः ३७)
"अगर वह तेरी बात मान लें, तो उनके बादशाह की बेटीसे शादी कर लेना।"(तारीख तबरी ३/१२६)
डा॰ काहान (cahan )कहते हैं: पैग़म्बरसल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के जीवन के कुछ पहलू हमारी वर्तमान रूजहान (मानसिक अवस्था) के कारण हमें उल्झन एंव परेाशनी में डाल सकते हैं, पैग़म्बर सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लम की सांसारिक इच्छाओं की आलोचना की गई है और आपकी नौ बीवियों के मामलेको प्रकाशित किया गया है जिन से आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने खदीजारजि़यल्लाहु अन्हा की मृत्यु के बाद शादियाँ कीं। किन्तु यह बात प्रमाणित है कि इनवैवाहिक संबंधों में से अधिकांश पर राजनीतिक छाप है और उनका उद्देश्य कुछ कुलीन लोगों और कुछ क़बीलों की दोस्ती और वफादारी प्राप्त करना था।
प्रसिद्ध अंग्रेज़ लेखक 'थामस कार्लायल'(thomas carlyle) अपनी किताब 'हीरोज़' में आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बारे में कहताहैः मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम शहवत के पुजारी नहीं थे, जबकि अत्याचार, अन्याय और जि़यादती करते हुए आप पर यह आरोप लगाया गया है। उस समय हम बड़ा अत्याचारऔर भयानक ग़लती करते हैं जब आप को एक शहवत परस्त (कामुक) आदमी समझते हैं, जिसका अपनीइच्छा और लालसा पूरी करने के सिवा कुछ काम न था। कदापि नहीं! उसके और लालसाओं केबीच ज़मीन आसमान का अंतर था।