Under category | पैगंबर मुहम्मद की नमाज़ का विवरण | |||
Creation date | 2010-12-12 05:41:34 | |||
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नमाज़ी का अपने सामने से गुज़रने वाले को रोकना वाजिब है, चाहे वह मस्जिदे हराम ही में क्यों न होः
25- सुत्रा रख कर नमाज़ पढ़ने वाले आदमी के लिए जाइज़ नहीं है कि वह अपने सामने से किसी को गुज़रने दे, जैसा कि पिछली हदीस में है किः तुम किसी को अपने सामने से मत गुज़रने दो..., तथा आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान हैः "जब तुम में से कोई आदमी किसी चीज़ की ओर नमाज़ पढ़ रहा हो जो उस के लिए लोगों से आड़ हो, फिर कोई आदमी उस के सामने गुज़रना चाहे तो वह उसके सीने पर मार कर उसे ढकेल दे और जहाँ तक हो सके उसे रोके।" और एक दूसरी रिवायत में है किः "तो उसे -दो मर्तबा- रोके, अगर इस के बाद भी वह न रुके तो फिर उस से भिड़ जाए क्योंकि वह शैतान है।"