पैगंबर हज़रत मुहम्मद के समर्थन की वेबसाइट - पहला उदाहरण:



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Under category मुहम्मद कौन हैं?
Creation date 2008-04-12 02:52:41
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हज़रत पैगंबर-उन पर शांति और आशीर्वाद हो- की गैरमुस्लिमों पर दयालुता के कुछ उदाहरण.

पहला उदाहरण:

हज़रत आइशा-अल्लाह उनसे खुश रहे-ने हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- सेपुछा: क्या आपपरउहुद के दिन सेअधिक कठिन दिनगुजराहै? हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- नेकहा:मैं तुम्हारे लोगों  की ओर  सेबहुत  कठिनायोंमेंपड़ाहूँ. सबसेअधिक  कठिनअकबा  कादिनथा. मैंनेअपनासन्देशअब्देयालैलबिनअब्दकलालको  सुनाया तोवेह मेरी बात नमाने. मैंदुखीचहरेकेसाथ  वापसहो गया. मैंदूखकी भावना सेपीछानछुड़ासका यहाँतककीमैं "कर्णअल्सआलिब" केनिकट पहुंचा , मैंनेअपना सिर  उठाकर देखा तो देखा कि एकबादलअपनासाया मुझ परडाल रहा है , उसमेंमैंनेजिब्राइल (फ़रिश्ता) कोदेखा, उन्हों नेमुझे आवाज़ दिया  औरकहा:अल्लाह-सर्वशक्तिमान- नेआपकेलोगोंकीबातको सुना  औरउनके जवाब को भी सुना है, अल्लाह  नेआपके लिए पहाड़ों काफ़रिश्ताभेजा हैजो उनके खिलाफ आप कीकिसी भी आज्ञाकापालन करेगा. इतने में पहाड़ोंकेफ़रिश्ते नेमुझे सलाम कियाऔरबोला:हेमोहम्मद! आपजैसा कहें करूंगायदि आपकहेंतोउनको दो पहाड़ों केबीचकुचलदूं? तो हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-नेउत्तरदिया: नहीं, बल्कि मैंमुझे आशा है किअल्लाह-सर्वशक्तिमान- उनकी पीठों सेऐसेलोगों कोजन्म दे जो केवल एकहीअल्लाहकोपूजें, उसके साथ किसी को साझी न बनाएं.

दूसरा उदाहरण

हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर-अल्लाह उनसे खुश रहे-के द्वारा उल्लेख किया गया: कि हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-एक जंग में थे उसमे एकमहिलाकीहत्याहोगईथी. तो हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- नेमहिलाओंऔरबच्चोंकीहत्या की निंदा की.

बुखारीऔर मुस्लीम के द्वारा एक दूसरी जगह पर यही बात यूँ उल्लेख की गई है:कि हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-की एक जंग में एकमहिलामुत्यु पाई गई थी, तो हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-नेमहिलाओंऔरबच्चोंकीहत्यासे मना किया

तीसरा उदाहरण:

अनस बिन मालिक-अल्लाह उनसे खुश रहे-नेकहा:किएकयहूदीयुवाहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-की सेवा करता थाएक बार वह बीमारहो गया था. तो हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-तीमारदारी के लियेउसकेपासआएऔर उसकेसिरकेपासबैठेऔरकहा कि: इस्लामस्वीकार करलो. युवानेअपनेपिता कीओरदेखाजबकि वह उनके पास ही थेतोपितानेयुवा से कहाकि:अबुलकासिम कीबातमान लोतो उस युवाने इस्लाम स्वीकार करलियाइस पर हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-ने वहाँ से   निकलते समय कहा:सभी प्रशंसा अल्लाह को है जिसने इसको नरककीअग्नीसे मुक्त किया.

चौथा उदाहरण:                                अब्दुल्लाह बिन उमर-अल्लाह उनसे खुश रहे-नेकहा कि: हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-ने कहा: जोकोईभीएकवचनदाताकीहत्या करेगा  वहस्वर्ग की  खुशबू भीनपाएगा जबकिउसकीखुशबूचालीस साल केफासले तक पहुँचती है.

पांचवां उदाहरण:

बुरैदा बिन होसैब नेहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- के विषय में बताया कि जब वह किसी व्यक्ति को किसीसेनाया फोजी का अगुआ बनाते थे तो विशेष रूप से उसे भगवान से डरने और उनके मुसलमानसहयोगीयों के साथ भलाईकरने की सलाह देते थेऔर फिर उन्हें यह शब्द कहा करते थे:अल्लाह का नाम लेकर युद्धकरो, और अल्लाहके रासते में लड़ो,जो अल्लाह को नहीं मानता है उनसेलड़ो, लड़ोलेकिन जंग का बचा हुवा सामान मत छिपाओ,  धोकामतदो, अंगभंगनकरो,बच्चे की हत्या  मतकरो.और यदि तुमहारीमुशरिक दुश्मनों सेमुडभेड़ होजाए तो तुम पहले तीनप्रस्ताव उनकेसामनेरखो, उनमें से जोभीमान लें तो तुम उनकोस्वीकारकरलो औरयुद्धबंदकरदो. उनकोइस्लामस्वीकारकरनेकेलिएकहो, यदि वे मानलेंतोतुम स्वीकारकरोऔरलड़ाईमत  करो. इस के बाद उनकोअपने देश को छोड़ कर मुहाजिरों के घर(या मदीना)आनेकेलिएकहो. और उन्हें बतादो कियदिवहऐसाकरतेहैंतोउनके अधिकार औरकर्तव्यमुहाजिरीनकेबराबरहोंगेऔर यदि उनकीइच्छामदीना आने  कीनहोतोउनकी स्तिथिशहर से दूर रहने वाले देहाती मुस्लिमानों की तरह होगी, उन लोगों पर अल्लाहके वही नियमलागु होंगे जो सार्वजनिकमुसलमानों पर लागु होते हैं.उनको जंग में प्राप्त हुवे धन में से कुछ नहीं मिलेगा लेकिन यदि वह जंग में मुसलमानों की सहायता में भाग लेते हैं तो फिर उनको मिलेगा यदि वह इसे स्वीकार नहींकरतेहैं तो  उनसे रक्षणफीस मांगोयदि वे इसे मान लेते हैं तोउनके मानने को स्वीकार कर लो औरउनसे युद्धमत करो. और यदि वे ना मानें तोअल्लाहकीसहायता लो औरउनसेयुद्धकरो. और यदि तुम किसीगढ़ का घेराव  करतेहोऔरवेअल्लाहऔरउसकेपैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- के नाम पर सुरक्षा मांगेंतोमतदो, बल्कि, अपनीऔरअपनेसाथियोंके आधारपर दो. क्योंकि यदि वह आपके औरआपके साथियोंके साथ वचन को तोड़ते हैं तो यह अल्लाहऔरउसकेपैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- के साथ वचन तोड़ने से ज़रा आसान है और यदि तुम किसीगढ़ का घेराव  करतेहोऔरवे अल्लाहकेनियम के आधार पर सुरक्षा मांगें तो ऐसामतकरोबल्कि तुम उनपरअपना नियम लागुकरो. क्योंकितुमनहींजानतेहो कितुम्हाराइन्साफउनकेलिएअल्लाहकेइन्साफके जैसाहोगाया नहीं होगा.

छठवाँ उदाहरण:     

हज़रत अबूहुरैरा-अल्लाहउनसेप्रसन्नरहे-नेबताया किहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-ने कुछघुड़सवारों कोनज्द(एक स्थान का नाम)की ओर रवाना किया,तोउनसवारोंनेबनी_हनीफानामक एक समुदायकेएकआदमीसोमामाबिनअसालकोपकड़ कर लाए और उसकोमस्जिदकेएकखम्भे से बांधदिया.

हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-उसकेपासआएऔरपुछा:तुम्हारे पास क्या है? हे सोमामा! सोमामाने उत्तर दिया:मेरे पास भलाई है मुहम्मद!. यदिआपमुझेमारदेतेहैंतोएक खूनहोगा और यदिआपमुझेक्षमाप्रदान करदेतेहैंतोआपएकआभारी को क्षमाकरेंगे. और यदिआपपैसाचाहतेहोतो बोलिये कितना चाहीये?तो उन्होंने उसे  दुसरेदिनतक के लिये छोड़ दिया. दुसरेदिनहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-ने फिरपुछा:तुम्हारे पास क्या है? हे सोमामा! सोमामाने उत्तर दिया:मैं ने तो कह दिया!. यदिआपमुझेमारदेतेहैंतोएक खूनहोगा और यदिआपमुझेक्षमाप्रदान करदेतेहैंतोआपएकआभारी को क्षमाकरेंगे. तो उन्होंने उसे  दुसरेदिनतक के लिये फिर छोड़ दिया.और तीसरेदिन भी उन्होंने उससे पूछा: तुम्हारे पास क्या है? हे सोमामा! सोमामाने उत्तर दिया:मैं ने तो कह दिया जो मेरे पास है!  तो उन्होंने कहा:सोमामाकोमुक्तकरदो, सोमामामस्जिदकेनिकटएकखजूर के बगीचे में गएऔरस्नान करके वापसमस्जिदमेंआए.और इस्लाम धर्म के शब्द पढ़ लियेऔर कहा:"अशहदु अल्लाइलाहा इल्लाल्लाहू, वह अशहदु आना मुहम्मदूर रसूलुल्लाह" मतलब मैं गवाही देताहूँकिअल्लाहको छोड़ कर कोईपूजे जाने के योग्य नहींहै औरमुहम्मदअल्लाह के पैगंबरहैं.फिरउन्होंनेकहा: हे मुहम्मद!अल्लाहकीक़सम पुरे प्रथ्वी पर मुझेकोईचहराइतनाघेनऊनानहींलगताथाजितनाकिआपका लगताथालेकिनअबमैंआपकेचहरेकोसबसेअधिक पसंदकरताहूँ. और मुझेआपकाधरमसबधर्मों से अधिक  नापसंद था लेकिन अब वहमुझेसबसेअधिक प्यारा है.और अल्लाह की  क़सम आपकाशहर मेरेलिएसबसे बुरा देश था पर अबमैं इसे सबसेअधिक पसंदकरताहूँ. आपकेसवारोंनेमुझे पकड़ लिया और मेरा उमरायात्रा का इरादा था तो अब आप मुझे क्या कहते हैं?

हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-नेउन्हें कहा आनंद रहो और उमराकेलिएजानेकीअनुमति देदी. जबवहमक्का पहोंचे तोकिसीनेउनको कहा: क्यातुमनास्तिक  हो चुकेहो?

उन्होंनेजवाबदिया:नहीं,लेकिनमैंने मुहम्मद-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- केसाथइस्लामस्वीकार करलियाहै. और अबइसके बाद सेतुमलोग(मेरी ज़मीन) यमामा सेगेहूंकाएकदानाभीनपाओगेजबतककेपैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- अनुमतिनहींदेते.

 सातवाँ उदाहरण:

हज़रत खालिदबिन वालिद-अल्लाहउनसेप्रसन्नहो-नेकहा:मैंखैबरकेयुद्धमेंहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- के साथ था जब वहाँ पहुंचे तो यहूदीलोगों ने कहा कि आपके लोग हमारे गोदामों में   घुस पड़े हैं, इसपरहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- नेकहा: जिन के साथ हमारा वचन है उनके धन को लेना उचित नहीं है     जबतककेउसपरअधिकारनहो.                               


आठवाँउदाहरण:

सहल बिन सअद अससाएदी-अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- नेबताया है कि उन्होंनेहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-को खैबर  की युद्ध केदिन कहतेसुना: मैंझंडाउसआदमीकोदूंगाजिसकेद्वाराअल्लाहहमेंजीतदेगा. साथीउठखड़ेहुवेकेदेखेंझंडाकिसकोमिलताहै. फिरउन्होंनेपुछा: अलीकहाँहैं? उत्तरमिला कीअलीकीआँखोंमेंदर्दहै. उन्होंनेअलीकोबुलवाया(अल्लाह-सर्वशक्तिमान-सेअलीकोनिरोगकरनेकीदुआकी)औरअपनापवित्र थूकउनकीआँखोंमेंलगाया. हज़रत अलीतुरन्त ठीकहोगएजैसेकुछहुवाहीनथा. अली-अल्लाहउनसेप्रसन्नहो-नेपुछा: क्याहमउनसेयुद्धकरेंगेयहाँतककेवेहमारीतरह(मुस्लमान) होजाएँ? इसपर हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-ने कहा:ज़रा ठहरके जब तुमउनकीज़मीनपर पहूँचजाओ, तो पहले तो उनकोइस्लामकीओर बुलाओ, औरउनकोउनके कर्तव्य बताओ,जानते हो? अल्लाह की क़समयदि अल्लाहतुम्हारे द्वारा उनमें सेएक आदमीकोभीसच्चाई केरास्ते परलाताहैतो यह बात तुम्हारे लिए महंगे लाल ऊँटों से अधिक अच्छा है.

नवाँउदाहरण:

हज़रत अबूहुरैरा-अल्लाहउनसेप्रसन्नहो-नेबताया कि  हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-सेविन्तीकीगई और उनसे कहा गया कि अल्लाह(सर्वशक्तिमान) सेउनके लिये श्राप मांग लीजिये. इस पर उन्होंनेकहा:मैंश्राप देने के लिएनहींभेजा गयाहूँ, मैंतोसरासर दया बना कर भेजा गया हूँ.

दसवां उदाहरण:

हज़रत अबूहुरैरा-अल्लाहउनसेप्रसन्नहो-नेबताया कि:मैंअपनीमाँकोइस्लामधर्म की ओर आमंत्रित करता था जबकि वह  एक मूर्तिपूजकथी,एकदिन जबमैंने उनको इस्लामधर्म की ओर आमंत्रितकियातो उन्होंने हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- के लिये एक ऐसे शब्द बोली जिनसेमैं नफरतकरताथा.तोमैंरोताहुवाहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-केपासगयाऔर उनसे कहा: हे अल्लाहकेपैगंबर!मैंअप्नीमाँकोइस्लामकी ओरआमंत्रित कर रहा था पर वह न मानी, और आज जब मैं ने उन्हें आमंत्रित क्या तो उसने आप केबारे मेंऐसेशब्दकहे जिनसेमुझे दुःख हुवा. तो अब आप ही अल्लाह-सर्वशक्तिमान-सेप्रर्थनाकीजिएकिअबूहुरैराकीमाँको सच्चाई कारास्ता बता दे,इसपरहज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- नेकहा:हे अल्लाह!मैंप्रर्थना करताहूँकि तू अबूहुरैराकीमाँकोसच्चाई कारास्ता बता दे. मैं हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- की प्रर्थना परबहुतखुशहोकरवहाँ से निकला. जबमैंदरवाजेकेपासपहूँचा मेरीमाँनेमेरेपैरों कीआवाज़ को सुन लिया औरकहा: जहाँहोवहीँरुकोअबूहुरैरा! और मैंनेपानीके गिरनेकीआवाज़को सुना मैं रुका रहा इतने में वह अस्नान करके कपड़ा और ओढ़नीपहनतय्यार थी इसकेबादउन्होंनेदरवाज़ाखोलाऔरकहा: हे अबूहुरैरा!:"अशहदु अल्लाइलाहा इल्लाल्लाहू, वह अशहदु आना मुहम्मदूर रसूलुल्लाह" मतलब मैं गवाही देताहूँकिअल्लाहको छोड़ कर कोईपूजे जाने के योग्य नहींहै औरमुहम्मदअल्लाह के के भक्त और पैगंबरहैं.

अबू हुरैरा कहते हैं: इसके बाद मैं  अल्लाह के पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-कीओर गया जबकि खुशी से मेरी आँखों से आंसू बह रहे थे फिर उनसेबोला: हे अल्लाहकेपैगंबर! मेरेपासखुशखबरीहैकिअल्लाह-सर्वशक्तिमान- नेआपकीप्रर्थना को सुनलियाऔरअबूहुरैराकीमाँकोसच्चाई का रास्ता दिखादिया. अल्लाह के पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर-नेअल्लाहकाशुक्रिया अदाकियाऔरउसकीप्रशंसा कीऔरअच्छे अच्छेशब्दकहे. तबमैंनेकहा:हेअल्लाहकेपैगंबर!अल्लाहसे प्रर्थना कीजिएकि वह अपने मुस्लमानभक्तों के दिल में मेरे लिये औरमेरीमाँके लिये जगह बना दे और उन्हें भी इनके दिल में प्रिय बना दे .तो अल्लाह के पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- नेइन शब्दों में प्रर्थना की: हे अल्लाह! तू अपने इस प्रिय भक्त को अपने मुस्लमानभक्तों के दिल में प्यारे करदे मुस्लमानभक्तोंको भी इनके लिये प्रिय बना दे. अबूहुरैरा ने कहा:इसलिये पूरी धरती पर जिस किसीमोमिननेमुझेदेखायामेरेबारेमेंसुनातो उसके दिल में मेरे लिये जगह बन गई.


ग्यारहवाँ उदाहरण:

हज़रत अबूहुरैरा-अल्लाहउनसेप्रसन्नहो-नेबताया और कहा है कि :तुफैलबिनअम्रअद्दोसीऔरउनकेसाथीपैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- केपासआए, औरकहा: हे अल्लाहकेपैगंबर!दौस समुदायआज्ञाका पालन नहीं किये बल्कि हटधर्मि किये तो अल्लाह-सर्व  शक्तिमान-से प्रर्थना कीजिये कि उनको श्राप दे दे उन्होंनेसोंचा कि अबतो दौस तबाह होगया. लेकिन पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- नेयह प्रर्थना कि:है अल्लाह!इनकोसच्चाइ कामार्गदिखाऔर उनको यहाँ पहुँचा.

बारहवाँ उदाहरण:

हज़रत जाबिरबिनअब्दुल्लाह-अल्लाहउनसेप्रसन्नरहे- ने बताया कि  लोगों नेकहा:हेअल्लाहकेपैगंबर! सकीफ़ नामक समुदाय की तीरों ने हमें चूर चूर कर के रख दिया है तो आप उनको श्राप दे दिजिये इस पर उन्हों कहा: हे अल्लाह!तू सकीफ़ कोसच्चा मार्गदिखा.








यह मुष्रिकोंसेएक लड़ाई थी जिसमें मुसलमानों  को हज़रत पैगंबर-शान्ति और आशीर्वाद हो उनपर- का निर्देश नमान नेसेअसफल्ताहुइ.

                                                एकस्थान कानामजहां उनको लोगों की ओर दुःख पहुंचा था.

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