Under category | दिन और रात की हज़ार सुन्नतें – खालिद अल-हुसैन | |||
Creation date | 2007-11-30 15:14:26 | |||
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एक ही समय में एक से अधिक इबादत कर लेना:
एक ही समय में कई इबादतों को प्राप्त करने का गुर तो वही जानते हैं जो अपने समय को बचा बचा कर चलते हैं l
हमारी जीवन में इसका प्रयोग कई तरह से हो सकता है:
१- यदि एक मुसलमान पैदल मस्जिद को जा रहा हो या अपनी गाड़ी से जा रहा हो , तो यह जाना भी एक अलग इबादत है और इस पर भी एक मुसलमान को पुण्य मिलता है , लेकिन इसी समय को अधिक से अधिक अल्लाह को याद करने और पवित्र कुरान को पढ़ने में भी लगाया जा सकता है, और इस तरह एक व्यक्ति एक ही समय में कई इबादत कर सकता है l
२ - यदि एक मुसलमान किसी शादी के एक ऐसे भोज में जाता है जो बुराइयों से बिलकुल मुक्त और पवित्र हो तो उसका इस भोज में जाना भी एक इबादत है , लेकिन वह व्यक्ति भोज में अपनी उपस्थितिको कई इबादतों में लगा सकता है, जैसे अधिक से अधिक अल्लाह को याद करे, और लोगों को अल्लाह की ओर आमंत्रणकरे l